रविवार, 9 अक्तूबर 2011

लोकतंत्र : बोलने का हक रे.......: सफर दिल्ली शहर का.....

लोकतंत्र : बोलने का हक रे.......: सफर दिल्ली शहर का.....: तमाम बदलावो कि मिशाल रही दिल्ली में ,मै खुद को बदलने आज से 6 साल पहले आया था ..खुद को बदल तो नहीं पाया पर दिल्ली ने अपने बदलावो में मुझे ज...

शनिवार, 8 अक्तूबर 2011

लोकतंत्र : बोलने का हक रे.......: हिन्दी मैं परायी हूं

लोकतंत्र : बोलने का हक रे.......: हिन्दी मैं परायी हूं: हिन्दी मैं परायी हूं यदि मैं उत्तर प्रदेश ,बिहार या भारत के किसी अन्य राज्य का निवासी हूं और मैं सामाजिक , सांस्कृतिक,क्षेत्र में कोई ...